“दहेजखोर का ड्रामा खत्म: पुलिसिया गोली ने रोका भागता ‘पति'”

शकील सैफी
शकील सैफी

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक दहेज लोभी पति की कहानी अब क्राइम थ्रिलर फिल्म से कम नहीं लगती। शादी को 9 साल हो चुके थे, लेकिन इंसानियत तो शायद 9 मिनट में ही खत्म हो गई थी। पत्नी निक्की को पेट्रोल डालकर जलाने वाला आरोपी पति विपिन भाटी, अब खुद पुलिस की गोली से ‘झुलस’ गया

पुलिस कस्टडी से ‘दूल्हा भागा’, लेकिन पैर नहीं बचा!

विपिन को पुलिस ने पहले गिरफ्तार किया था, लेकिन जनाब तो भागने की स्क्रिप्ट पहले से लिखकर लाए थे। मौका मिला और कस्टडी से भाग निकले, लेकिन फिल्मी स्टाइल में पीछा कर रही पुलिस ने उन्हें ज्यादा दूर नहीं जाने दिया।

एक गोली चली, पैर में लगी, और साहब वहीं ठहर गए ।

पुलिस का बयान: ‘कस्टडी से भागना गलत है, खासकर जब आप मर्डर के आरोपी हों’

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने बताया कि विपिन फरार होने की कोशिश कर रहा था। पीछा किया गया और अंत में एनकाउंटर में घायल कर दबोच लिया
पुलिस सूत्रों का कहना है कि विपिन की सोच पुरानी थी, लेकिन अब कानून अपडेट हो गया है।

निक्की की मौत: शादी, दहेज और दरिंदगी की कहानी

शादी को नौ साल हो चुके थे। लेकिन ससुराल वालों की लालच खत्म नहीं हुई। निक्की को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता रहा।
आख़िरकार उसे पेट्रोल डालकर जला दिया गया

निक्की की चीखें अब खामोश हैं, लेकिन उसका इंसाफ अभी बोल रहा है –

“अब वो भागा नहीं, घसीटा गया है!”

पुलिसिया गोली, जनता का भरोसा: अब दहेजखोरों को डर लगना चाहिए

इस कार्रवाई से महिला सुरक्षा और दहेज पीड़ितों के लिए न्याय की उम्मीद जगी है। UP पुलिस के एक अधिकारी ने कहा – “बेटी बचाओ के बाद अब बेटियों को इंसाफ दिलाने का वक्त है।” 

दहेज के लिए नहीं, कानून के डर से कांपते हैं ‘पति’

ग्रेटर नोएडा की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि “दहेज लेना सिर्फ अपराध नहीं, अब खुद को खोने का रास्ता है।”

निक्की को तो वापस नहीं लाया जा सकता,लेकिन उसके लिए उठी कानून की आवाज़, कई और बेटियों को सुरक्षित भविष्य दे सकती है।

“अब बुजुर्ग नहीं घबराएंगे, 112 पर कॉल करेंगे और राहत पाएंगे!”

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